Thursday, October 2, 2014

मीडिया पहुंचा मंगल पे


हमारे देश में किसी ने प्रगति की हो न हो मीडिया ने जरूर की है | पहले पूरे दिन एक आध घंटे के समाचार आते थे आजकल 24 घंटे समाचार आते है । रोज एक न्यूज़ चैनल जन्म लेता है और हमारा मनोरंजन करने का बीड़ा उठाता है । हर जगाह मीडिया पहुँच गया है और जहाँ नहीं पहुँच पाया है वहाँ इस लेख के छपने तक पहुँच जायेगा । 

बचपन में मैंने गर्मियों की छुट्टी में बिल्लू की एक कॉमिक्स पड़ी  (डायमंड कॉमिक्स जो आजकल स्मार्टफोन के ज़माने में जंगल से शेरो की तराह विलुप्त हो रही है ) उसमें बिल्लू और उसके दोस्त भी गर्मियों की छुट्टी मना रहे होते है ।  वो सोचते है 
कि कुछ साहसिक काम किया जाये जिससे उनका नाम हो । उन्हें पता चलता है कि शहर के बाहर एक पहाड़ है जिसकी चोटी पे अभी तक कोई नहीं चढ़ा है  । वो उस पहाड़ की चोटी पर जाने की ठान लेते है  और फैसला करते है किसी को नहीं बतायंगे जिससे उनका रिकॉर्ड बन सके । लेकिन उनके दुश्मन बजरंगी पहलवान को ये बात पता चल जाती है और वो भी पहाड़ की चोटी पर बिल्लू और उसके दोस्तों से पहले जाने का प्लान बनाता है जिससे वो बिल्लू को नीचा दिखा सके । दोनों दल पहाड़ पे चढ़ना शुरू करते है लेकिन बिल्लू का दल आगे निकल जाता है |

बहुत मेहनत के बाद जब बिल्लू और उसके दोस्त पहाड़ की चोटी पे पहुंचने वाले होते है तो वो ये देखकर हैरान रह जाते है कि मीडिया वाले पहाड़ की चोटी पर पहले से मौजूद है ।  वो इसलिए मौजूद है जिससे कि इस पहाड़ की चोटी को जिसने सबसे पहले जीता उसका इंटरव्यू ले सके । बेचारे बिल्लू और उसके दोस्तों का रिकॉर्ड बनाने का सपना पूरा नहीं हो 
पाताक्यूंकि मीडिया वाले रिकॉर्ड बनाने वाले का इंटरव्यू लेने के चक्कर में खुद सबसे पहले पहुँच जाते है ।  

शायद प्राण साहब ने बहुत पहले ही मीडिया के इस टैलेंट को भांप लिया था कि वो कही भी सबसे पहले पहुँच सकती है जैसे देश में कोई भी प्राकृतिक आपदा आती है तो सरकारी राहत से पहले मीडिया पहुँच जाती है और उन लोगो को कैमरा पे दिखाती  जो बोलते है "कोई सरकारी मदद नहीं मिली है अभी तक, मैं जानना चाहता हूँ हमारी सरकार कहाँ सो रही है ? " एक तो सरकार वैसे ही सुस्त ऊपर से मीडिया की इस फुर्ती को वैसे ही देखती है जैसे एक पैदल चलने वाला इंसान हवाई जहाज को उड़ान भरते हुए ।

उत्तराखंड में बाढ़ आई तो टीवी पे देखा एक पत्रकार एक आदमी के कंधो पे बैठ के रिपोर्ट कर रहा था और वो आदमी कमर तक पानी में डूबा था । पत्रकार साहब बोल रहे थे  "आप देख सकते है 
हमारे चारो ओर पानी ही पानी है, भयानक तबाही का मंजर है, हम यहाँ सबसे पहले पहुंचे । आप देख सकते है कितनी मुश्किल के बावजूद यहाँ से पल पल की खबर दिखा रहे है लेकिन सरकार अभी तक लापता है " । मुझे ये समझ नहीं आता कि सरकार मीडिया के इन पत्रकारों से कुछ सीखती क्यों नहीं ? क्यों ना सरकार मीडिया वालो को डिजास्टर मैनेजमेंट टीम में रख ले ?

जम्मू कश्मीर में बाढ़ आई तो एक बार फिर से मीडिया वाले सरकार की राहत टीम से पहले पहुँच गए । एक पत्रकार को देखा वो नाव में बैठ के एक घर की खिड़की के निचे पहुँच गया । घर के बच्चे खिड़की पे आ गए तो उनसे पूछा क्या आप लोगो ने कुछ खाया है? इससे पहले की बच्चे कुछ बोलते पत्रकार ने उनको सेब के जूस के पैकेट पकड़ा दिए और बोला, " ये सब बच्चे भूखे है और अभी तक इनकी मदद के लिए कोई नहीं आया है , हमने इन्हें ढूंढ निकाला और देखिये ये मासूम सेब का जूस पी रहे है "  

मीडिया का कुछ ऐसा ही रूप आजकल भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विदेश यात्राओं में देखने को मिलता है । जिस देश में मोदी जाने वाले होते है वहाँ मीडिया उनसे पहले पहुँच जाता है । कुछ समय पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान गए । लेकिन उससे दो दिन पहले ही मीडिया वाले जापान पहुँच गए और वहाँ की बुलेट ट्रैन के टॉयलेट की तस्वीरें दिखाने लगे । पत्रकार इस तराह पेश आये जैसे मोदी ने कोई नया देश खोज निकला हो । मुझे भूगोल की अपनी उस अध्यापिका की याद आई जिसने मेरा कान पकड़ के बताया था की मैप में जापान कहाँ होता है । ऐसा लगा मानो धरती फटी और उसमें से जापान निकल आया । वहाँ मोदी ने ढोल बजाया तो यहाँ अर्नब गोस्वामी ने ।  

कुछ दिनों बाद जब मोदी अमेरिका गए तो ऐसा लगा मीडिया में कोलंबस की आत्मा आ गई है और अमेरिका का जन्म हुआ है ।  इतनी तस्वीरें दिखाई जितनी अमेरिका में रहने वाले भारत के लोग भी फेसबुक पे भी नहीं डालते । टी वी पे अमेरिका ही अमेरिका | एक पत्रकार तो इतना उत्तेजित हो गया कि वहां जमा हुए लोगो से ही तू तू मैं मैं कर आया |

सही में भारत भले ही अभी भी विकसित देश नहीं है लेकिन यहाँ का मीडिया आई फोन-6 से भी ज्यादा विकसित है । कुछ लोग तो ये भी बोल रहे है कि मंगलयान ने मंगल गृह की जो सबसे पहली तस्वीरें भेजी है उसमें कुछ पत्रकार मंगल गृह पर कैमरा पकडे खड़े दिखाई दे रहे है । इसरो ने ये तस्वीरें सार्वजानिक नहीं की है |